Details, Fiction and shiv

ऐसा कहा जाता है कि एक बार ब्रह्मा और विष्णु के सामने एक विशाल अग्नि स्तम्भ अवतरित हुआ। तेज़ रौशनी के इस अनंत स्तम्भ से ॐ की ध्वनि उत्पन्न हो रही थी। वो मंत्रमुग्ध हो गये और उन्होंने इसका पता लगाने का फैसला किया। ब्रह्मा ने इस स्तम्भ का ऊपरी सिरा खोजने के लिए एक हंस का रूप धारण किया और नीले आकाश में काफी ऊंचाई तक उड़ गये। जबकि विष्णु इस स्तम्भ की बुनियाद या आधार को ढूंढने के लिए वाराह का रूप धारण करके ब्रह्मांड की गहराई में उतर गये।

The remainder is all extensive vacant space, which is generally known as Shiva. That's the womb from which anything is born, and that is the oblivion into which anything is sucked again. Almost everything arises from Shiva and goes again to Shiva.

आधुनिक विज्ञान ने, पांच इन्द्रियों पर पूरी तरह से निर्भर होने के कारण, अनुसंधान या खोज में अनुभवजन्य या तार्किक दृष्टिकोण को ज्यादा महत्त्व दिया है, और खुद को मानव मन की साधारण शक्तियों पर सीमित कर दिया है। आधुनिक शिक्षा ने इसी दृष्टिकोण को अपनाया है और व्यक्ति के ग्रहण करने की क्षमता को नज़रंदाज़ कर दिया है। इस तरह के वातावरण में एक गुरु की ऐसी अंतर्दृष्टि रखने की क्षमता पर बहुत संदेह किया जाता है जो तार्किकता से परे हो। फिर भी, पूरे इतिहास में यह देखा गया है कि जिज्ञासु सहज रूप से एक गुरु की तरफ खिंचते हैं। आध्यात्मिक मार्गदर्शन की इच्छा को पूरा करने के लिए कुछ दूरदर्शी गुरुओं ने ऐसे ऊर्जा स्थानों का निर्माण किया है जो एक गुरु की उपस्थिति और उसकी ऊर्जा जैसा ही हैं।



इस समय, भारत में अधिकतर लिंगों में केवल एक या दो चक्र ही स्थापित है। ईशा योग केंद्र में मौजूद ध्यानलिंग की खासियत ये है कि इसमें सातों चक्रों को अपने चरम तक ऊर्जावान बनाकर स्थापित किया गया है। यह ऊर्जा की सबसे उच्चतम संभव अभिव्यक्ति है । ये इस तरह से है कि अगर आप ऊर्जा को लेते हैं और उसे उसकी तीव्रता की चरम सीमा तक ले जाते हैं तो, केवल एक निश्चित सीमा तक ये एक आकार को धारण कर सकती है, उसके बाद ये आकार छोड़ देती है। जब ये अपना आकार छोड़ देती है तो लोग इसे अनुभव नहीं कर पाते। ऊर्जा को उस बिंदु तक धकेलना कि जिसके बाद वो आकार छोड़ दे, और ठीक तभी उसे एक निश्चित रूप दे देना- इस तरह से ध्यानलिंग की स्थापना/प्रतिष्ठा की गई है।

This can be a symbolism to indicate that in case you evolve within your ultimate context, you're going to be fifty percent a person and fifty percent a girl – not a neuter, a full-fledged man and a complete-fledged woman. That is definitely if you are a full-blown individual.

When republishing online a hyperlink again to the first content source URL must be involved. Make sure you Observe that content material joined from this web page could possibly have different licensing phrases.

Still when the dancing Shiva more info is a vital and common representation, the abstract method of Shiva is Probably the mostly observed portrayal during India. Shiva is depicted as being a conical shaft (lingam) of fireplace inside of a womb (yoni), illustrating the Artistic powers of Shiva and Parvati.

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

[207] The origin of this linkage could possibly be mainly because of the identification of the moon with Soma, and there is a hymn inside the Rig Veda the place Soma and Rudra are jointly implored, As well as in later on literature, Soma and Rudra arrived to generally be discovered with each other, as were being Soma as well as moon.[208]

This duality could be seen while in the numerous epithets attributed to him as well as the loaded tapestry of narratives that delineate his persona inside Hindu mythology.[243] Destroyer and Benefactor

Shiva reacted to this tragedy by building two demons (Virabhadra and Rudrakali) from his hair who wreaked havoc to the ceremony and beheaded Daksha. The opposite gods appealed to Shiva to finish the violence and, complying, he brought Daksha back to life but with The pinnacle of a ram (or goat). Sati was sooner or later reincarnated as Parvati in her subsequent lifetime and she re-married Shiva.

कुछ लिंग पत्थर, लकड़ी या मणि/रत्न को तराश कर बनाए गए होते हैं। जबकि दूसरे लिंग मिट्टी, बालू या किसी धातु से गढ़े होते हैं। ये प्रतिष्ठित लिंग होते हैं। कई लिंग धातु की एक परत से ढके होते हैं और उन्हें एक चेहरे की आकृति भी दी जाती है ताकि भक्त उनसे ज्यादा बेहतर तरीके से जुड़ सकें। इन्हें मुखलिंग कहते हैं। कुछ लिंग में तो शिव की पूरी छवि सतह पर तराशी हुई होती है।

We use cookies to provide you with the best encounter achievable. Through the use of our Web page, you conform to the use of cookies as explained within our Cookie Plan.

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “Details, Fiction and shiv”

Leave a Reply

Gravatar